राजस्थान रोडवेज- लॉक डाउन के दौरान आमजन की उम्मीद की किरण
राजस्थान रोडवेज- लॉक
डाउन के दौरान आमजन की उम्मीद की किरण
इस वर्ष, जब दुनिया वैश्विक
महामारी की चपेट में थी, भारत
में आकस्मिक लॉक डाउन लगा दिया गया जिस से आमजन को कई परेशानियों का सामना करना
पड़ा। राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम (RSRTC) ने बंद के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में
फंसे लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन कर सामने आया।
लॉकडाउन के दौरान परिवहन
सेवाओं की अचानक कमी के कारण हजारों प्रवासी और दैनिक वेतन भोगी लोग सड़कों पर
फंसे रह गए और अपने घरो तक पहुंचने में असमर्थ थे
। विभिन्न राज्यों के छात्रों की एक बड़ी संख्या कोटा में और कई अन्य
प्रवासी लोग, मेट्रो
शहरों के कर्मचारियों से लेकर परिवारों के राज्यों में फंसे हुए थे। राजस्थान
रोडवेज ने यह सुनिश्चित किया कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र
और गुजरात जैसे राज्यों के निवासी बिना लम्बा सफर तय किए घर पहुँच जाए । इस
उद्देश्य को पूरा करने के लिए बसों को अच्छी तरह से सेनेटाइज़ किया गया था। डिपो से कहा गया कि वह हर समय
आवागमन के लिए तैयार बसों को सेनेटाइज़ रखें।
लॉकडाउन की अवधि के दौरान
रोडवेज बसों ने प्रवासी मजदूरों,
अनिवासी मजदूरों,
छात्रों और अन्य सहित 4.03 लाख से अधिक लोगों को राजस्थान और अन्य राज्यों
में पहुंचाया था।
प्रवासी मजदूरों को उनके
राज्यों तक पहुँचाने के लिए श्रमिक स्पेशल बसें शुरू की गईं।
लॉकडाउन में अपने परिवार
के सदस्यों को खोने वाले लोग जो हरिद्वार
में पवित्र गंगा नदी में उनकी राख को विसर्जित करने में असमर्थ थे उन सभी लोगों के
लिए एक विशेष मुफ्त बस सेवा " मोक्ष कलश ’भी शुरू की गयी । आरएसआरटीसी ने अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को हवाई
अड्डे से अपने वांछित गंतव्य तक पहुंचने में मदद की। यही नहीं, RSRTC ने COVID-19
रोगियों को अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचाने में भी मदद की।
राजस्थान
रोडवेज सिर्फ परिवहन का एक साधन नहीं है, बल्कि इससे परे भी है। यह न केवल शहरों और राज्यों को जोड़ता है, बल्कि आम लोगों के दिलों
को भी उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम हर बार बेहतर करने का
प्रयास करते हैं और अपने यात्रियों को सबसे आरामदायक और सुरक्षित यात्रा देने
केलिए तत्पर हैं । RSRTC अपने
यात्रियों के लिए महामारी से पहले या बाद में हमेशा बेहतर सेवाएं देता रहेगा।
Comments
Post a Comment